Crop Residue Scheme जाने कैसे मिलेंगे ₹ 1200/- प्रति किल्ला
🌾 किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचना
हरियाणा सरकार ने फसल अवशेष (Crop Residue) या पराली जलाने पर सख्त नियम लागू किए हैं। अब खेतों में पराली जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि कानूनन अपराध भी है। आइए जानते हैं विस्तार से कि सरकार ने इसके लिए क्या दंड, प्रोत्साहन और विकल्प तय किए हैं
⚖️ पराली जलाने पर दंड (Penalty)
हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना तय किया गया है —
🌾 2 एकड़ से कम भूमि पर: ₹5,000 जुर्माना
🌾 2 से 5 एकड़ तक भूमि पर: ₹10,000 जुर्माना
🌾 5 एकड़ से अधिक भूमि पर: ₹30,000 जुर्माना
यह जुर्माना पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण कानूनों के तहत सीधे वसूला जा सकता है।
🚨 अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई
1️⃣ FIR दर्ज की जा सकती है:
पराली जलाने पर Air (Prevention & Control of Pollution) Act, 1981 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223(a) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
2️⃣ “रेड एंट्री” (Red Entry) सिस्टम:
यदि कोई किसान बार-बार पराली जलाता है, तो उसकी भूमि रिकॉर्ड में “रेड एंट्री” की जाती है।
इसका प्रभाव यह होता है कि किसान दो आगामी सीज़न तक MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर अपनी फसल नहीं बेच सकता।
3️⃣ सरकारी योजनाओं का लाभ रोक दिया जाता है:
ऐसे किसानों को सरकार की विभिन्न कृषि अनुदान, सब्सिडी, या मशीनरी स्कीम्स से अस्थायी रूप से वंचित किया जा सकता है।
🌱 सरकार का समाधान: पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन योजना
सरकार किसानों को पराली जलाने की बजाय आधुनिक मशीनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
यदि कोई किसान अपने खेत में फसल अवशेष को “Super Seeder” मशीन से मिट्टी में मिला देता है या “Baler” से पराली की गांठें बनवाकर उसका सही निपटान करता है,
तो उसे ₹1200 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 💰
यह राशि ग्राम स्तरीय समिति (Village Level Committee) द्वारा मैदानी सत्यापन (Field Verification) के बाद सीधे किसान के खाते में भेजी जाती है। ✅
🎯 योजना का उद्देश्य
✔️ पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करना
✔️ मिट्टी की उर्वरता और जैविक तत्वों को बनाए रखना
✔️ किसानों को साफ-सुथरी तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करना
🖥️ अधिक जानकारी के लिए
कृषि विभाग, हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
🔗 https://agriharyana.gov.in
यहां से आप पराली प्रबंधन उपकरणों, प्रोत्साहन राशि आवेदन प्रक्रिया और विभागीय दिशानिर्देशों की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
🌾 निष्कर्ष
पराली जलाना एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है, जो न केवल हवा को दूषित करती है बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाती है। सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना किसानों को पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनाती है।
“स्वच्छ हवा, उपजाऊ मिट्टी और समृद्ध किसान” — यही इसका मुख्य लक्ष्य है। 🌍💚
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