हरियाणा: श्रमिक कल्याण योजनाओं पर लगी रोक, अब केवल दो योजनाओं का मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला❗ अब सभी श्रमिक कल्याण योजनाओं पर रोक, सिर्फ 2 योजनाओं का ही लाभ मिलेगा। जानें कौन-सी योजनाएं बची हैं और किनका अंत हुआ।
हरियाणा में मज़दूरों (Workers) के लिए चलाई जा रही 20 से अधिक कल्याणकारी योजनाओं पर अचानक रोक (Hold) लगा दी गई है।
सरकार ने आदेश दिया है कि फिलहाल श्रमिकों को केवल दो योजनाओं में ही लाभ मिलेगा। यह फैसला तब लिया गया जब छह जिलों की वर्क-स्लिप (Work Slip) में गड़बड़ी के मामले सामने आए। अब इस मामले की जांच डीसी (Deputy Commissioner) स्तर पर कराई जाएगी।
कौन सी योजनाएँ फिलहाल चालू रहेंगी?
1. सीएम सामाजिक सुरक्षा योजना इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर परिवार को ₹5 लाख तक की सहायता मिलती है। दुर्घटना में मृत्यु पर ₹5 लाख, स्थायी विकलांगता पर ₹3 लाख और आंशिक विकलांगता पर ₹1.5 लाख की मदद। 2. फ्यूनरल स्कीम (Funeral Scheme) श्रमिक की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए ₹15,000 की आर्थिक सहायता।
किन योजनाओं पर लगी रोक?
हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित 20 से अधिक योजनाओं को होल्ड कर दिया गया है। इनमें शामिल हैं – बच्चों की शिक्षा सहायता योजना साइकिल सहायता लैपटॉप वितरण योजना विवाह शगुन योजना मातृत्व लाभ योजना पेंशन योजना मेडिकल सहायता योजना और अन्य दर्जनों कल्याणकारी योजनाएँ इन योजनाओं में अनियमितताएँ सामने आने के बाद विभाग ने फिलहाल लाभ रोक दिया है।
पिछली गड़बड़ियाँ और जांच
हाल ही में 6 जिलों (हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, भिवानी और रोहतक) की वर्क-स्लिप में बड़ी धांधली सामने आई थी। कई अपात्र लोगों ने फर्जी दस्तावेज़ लगाकर योजनाओं का लाभ उठाया। विभाग ने इसे गंभीर मामला मानते हुए डीसी स्तर पर जांच कराने का फैसला लिया। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, अधिकांश योजनाओं पर रोक बनी रहेगी।
पहले श्रमिकों को कैसे मिलता था लाभ?
हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं से हर साल लाखों श्रमिक लाभान्वित होते थे। बच्चों को स्कूल-कॉलेज की फीस, किताबें और छात्रवृत्ति। छात्राओं को 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए विशेष छात्रवृत्ति I प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद में भाग लेने पर इनाम। श्रमिक परिवार की बेटियों के विवाह पर आर्थिक सहायता। अस्पताल में इलाज और गंभीर बीमारी पर मेडिकल सहायता। लेकिन अब यह सभी लाभ अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं I
हालिया फैसला क्यों ज़रूरी था? सरकार के अनुसार
योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा था। फर्जी वर्क स्लिप के आधार पर अपात्र लोग फायदा उठा रहे थे। असली मज़दूरों तक लाभ नहीं पहुँच पा रहा था I इसलिए जब तक हर जिले की गहन जांच पूरी नहीं हो जाती, केवल दो योजनाओं में ही वास्तविक लाभार्थियों को मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार का यह कदम श्रमिक कल्याण योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। हालांकि इससे अभी लाखों श्रमिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। अगर जांच जल्दी पूरी होती है और दोषियों पर कार्रवाई होती है, तो संभव है कि सभी योजनाएँ दोबारा चालू कर दी जाएँ।
मजदूर वर्ग के हित में यह ज़रूरी है कि योजनाओं को सही पात्र तक पहुँचाया जाए, ताकि डॉ. भीमराव अंबेडकर और श्रमिक कल्याण के मूल उद्देश्य को पूरा किया जा सके
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